Anurag's
Work Life

Meet Anurag Sharma, a fresh MBA graduate in Hospital Management who has just started an exciting career as an Operations Manager at a private hospital in Dehradun. Anurag’s journey from a beginner to a skilled professional is full of challenges, growth, and inspiring moments. 

Each day starts with an energetic morning routine, followed by handling various issues at the hospital, and ends with evening sessions learning Talent MD skill courses. Anurag’s daily diary captures these experiences, offering behind-the-scenes insights into hospital management, practical tips for overcoming challenges, and useful advice for improving efficiency and patient care.

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30-Nov--0001

Dehradun, India

छियालीसवाँ दिन - CSSD विभाग में समस्या और उसका समाधान

आज का दिन CSSD (सेंट्रल स्टेराइल सर्विस डिपार्टमेंट) विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण और सीखने योग्य रहा। CSSD विभाग हमारे अस्पताल के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि सभी सर्जिकल उपकरण और सामग्री पूर्णतः स्टेराइल और संक्रमण मुक्त रहें। इससे मरीजों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित होती है। 

सुबह जब मैं अस्पताल पहुँचा, तो मुझे CSSD विभाग से एक महत्वपूर्ण समस्या की सूचना मिली। एक ऑटोक्लेव मशीन, जो उपकरणों को स्टेराइल करने के लिए उपयोग की जाती है, ठीक से काम नहीं कर रही थी। यह समस्या गंभीर थी, क्योंकि सर्जिकल उपकरणों का स्टेराइल न होना मरीजों के लिए गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता था। मैंने तुरंत CSSD विभाग का दौरा किया और स्थिति की जानकारी ली। समस्या की गंभीरता को देखते हुए, मैंने सबसे पहले अपनी टीम को एकजुट किया और सभी आवश्यक तैयारियों का जायजा लिया। हमने उस ऑटोक्लेव मशीन की जांच की और पाया कि इसमें एक तकनीकी खराबी थी जो तत्काल समाधान की मांग कर रही थी। मैंने तुरंत बायोमेडिकल इंजीनियरिंग टीम को बुलाया और उन्हें समस्या की जानकारी दी। हमारी इंजीनियरिंग टीम ने मशीन की विस्तृत जांच की और पाया कि उसमें एक महत्वपूर्ण पुर्जा खराब हो गया था जिसे बदलने की आवश्यकता थी। हमने तुरंत उस पुर्जे को बदलने की प्रक्रिया शुरू की। इस बीच, मैंने CSSD विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर एक वैकल्पिक योजना बनाई ताकि सर्जिकल उपकरणों का स्टेरिलाइजेशन प्रक्रिया जारी रहे। हमने अस्पताल के अन्य विभागों से अतिरिक्त स्टेराइल उपकरण मंगवाए और उपलब्ध उपकरणों का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित किया। 

यह महत्वपूर्ण था कि किसी भी सर्जिकल प्रक्रिया में कोई बाधा न आए, इसलिए हमने प्रत्येक विभाग के साथ मिलकर उनकी जरूरतों का समन्वय किया। हमारी इंजीनियरिंग टीम ने लगभग तीन घंटे की कड़ी मेहनत के बाद ऑटोक्लेव मशीन की मरम्मत पूरी की और उसे फिर से चालू किया। मशीन को पुनः चालू करने से पहले, हमने उसकी कार्यक्षमता की पूरी तरह से जांच की और सुनिश्चित किया कि वह पूर्णतः सही काम कर रही है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण था कि कोई भी उपकरण बिना उचित स्टेरिलाइजेशन के उपयोग में न आए। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान, मैंने नियमित रूप से सर्जरी विभाग और अन्य संबंधित विभागों के साथ संपर्क बनाए रखा ताकि वे स्थिति से अवगत रहें और किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रहें। हमारी टीम ने एक दूसरे के साथ उत्कृष्ट सहयोग और समर्पण का प्रदर्शन किया, जिससे समस्या को शीघ्रता से हल किया जा सका। इस घटना ने साबित किया कि जब सभी सदस्य मिलकर काम करते हैं, तो कोई भी चुनौती अधिक नहीं होती। 

शाम को जब मैं पीजी पहुँचा, तो मैंने दिनभर की घटनाओं के बारे में सोचा और अपनी डायरी में लिखा। कुछ समय के लिए आराम किया और फिर बाजार जाकर कुछ जरूरी किराना सामान खरीदा। जब मैं वापस आया, तो मैंने कुछ देर के लिए आराम किया और फिर डिनर किया। दिन के अंत में, इस तरह की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियाँ हमें हमारी क्षमताओं को परखने का मौका देती हैं। यह दिन मुझे सिखा गया कि किसी भी संकट का सामना करते समय टीमवर्क और सही योजना कितना महत्वपूर्ण होता है। इस अनुभव ने मेरी पेशेवर दक्षता को और भी मजबूत किया।मैं अपने काम पर गर्व महसूस करता हूँ और कल के दिन की प्रतीक्षा करता हूँ। 

शुभ रात्रि! 😊 

अनुराग शर्मा (लखनऊ से देहरादून तक, सपनों और मेहनत के साथ)

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Readers Comments

09-Jul-2024 16:26:37
Muhammad Ahsan Majeed
I like it