Rosy’s
Heartbeat

Meet Rosy, a dedicated nurse working in a bustling corporate hospital in Gurugram. Originally from Kerala, Rosy’s journey from a fresh graduate to a seasoned professional is truly inspiring. Through her daily diary, she captures her soothing morning routines, the challenges and triumphs of her workday, and her enriching evening sessions with Talent MD skill development courses. Rosy's entries offer a unique glimpse into the life of a nurse, filled with care, learning, and growth. Aspiring nurses can draw inspiration from her experiences, discovering practical care giving strategies and the profound impact of compassionate nursing in healthcare. Follow Rosy's journey to see new opportunities to make a meaningful difference in patients' lives.

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30-Nov--0001

Gurugram, India

तिरेसठवा दिन - नई उम्मीद की शुरुआत

आज सुबह की शुरुआत कुछ खास थी। मैं अलार्म बजते ही उठकर योगा मैट पर बैठ गई। आज का सूरज अपनी चमक के साथ कुछ नया सन्देश लेकर आया था। योगा और मेडिटेशन के बाद, मैंने थोड़ी देर गार्डन में समय बिताया। फूलों की खुशबू और हरे-भरे पौधों ने मेरी आत्मा को शांति दी। नाश्ते में मैंने अपनी पसंदीदा ओटमील बनाई और एक कप ग्रीन टी के साथ उसे इंजॉय किया। तैयार होकर, मैंने अपनी नर्स की यूनिफॉर्म पहनी और अस्पताल के लिए निकल पड़ी। रास्ते में मैंने सोचा कि आज का दिन कैसा रहेगा और किन-किन मरीजों से मिलना होगा। अस्पताल पहुँचते ही मैंने अपनी शिफ्ट की रिपोर्ट ली और अपने काम में लग गई। आज अस्पताल में एक मरीज़, रमेश जी, को जिगर प्रत्यारोपण की सख्त जरूरत थी। रमेश जी लंबे समय से लिवर सिरोसिस से पीड़ित थे और उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी। उनके परिवार वाले बहुत चिंतित थे और सभी को जिगर दान करने वाले की तलाश में लगे थे। एक दिन, एक उपयुक्त डोनर मिला और तुरंत ऑपरेशन की तैयारी शुरू हुई। ऑपरेशन बहुत जटिल था और लगभग 12 घंटे तक चला। इस दौरान, मैंने सर्जिकल टीम की हर संभव मदद की और ऑपरेशन थिएटर में हर पल रमेश जी की स्थिति पर नजर रखी। ऑपरेशन के बाद, मैंने उन्हें ICU में शिफ्ट किया और उनकी देखभाल की। प्रत्यारोपण के बाद की स्थिति बहुत ही नाजुक होती है और किसी भी संक्रमण या जटिलता का जोखिम होता है। मैंने यह सुनिश्चित किया कि रमेश जी को सही दवाइयाँ और देखभाल मिले। धीरे-धीरे, उनकी स्थिति में सुधार होने लगा और कुछ हफ़्तों बाद, उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस अनुभव ने मुझे सिखाया कि ऑर्गन प्रत्यारोपण कितना संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण होता है और इसमें हमारी निष्ठा और मेहनत की कितनी जरूरत होती है। आज शाम को, जब मैं अस्पताल से घर लौटी, तो सबसे पहले मैंने घर के काम निपटाने का फैसला किया। मैंने बर्तन धोए, फर्श साफ किया, और कमरे की व्यवस्था ठीक की। इसके बाद, मैं अपने गार्डन में गई। मुझे अपने पौधों की देखभाल करना बहुत पसंद है। मैंने उन्हें पानी दिया और उनकी पत्तियों को प्यार से सहलाया। पौधों के बीच समय बिताना मेरे लिए बहुत सुकूनदायक होता है। उनके साथ समय बिताकर मुझे ताजगी और शांति का अनुभव होता है। पौधों को पानी देने के बाद, मैं थोड़ी देर उनके पास बैठी रही, उनकी सुंदरता को निहारती रही। इसके बाद, मैंने अपने खाने के लिए सब्जियाँ काटीं और एक हेल्दी डिनर तैयार किया। खाना खाते वक्त मैंने टीवी पर अपना पसंदीदा शो देखा और दिनभर की घटनाओं को सोचने लगी आज का दिन बेहद खास और अनुभवों से भरा रहा। मैंने बहुत कुछ सीखा और अपने काम के प्रति मेरी निष्ठा और बढ़ गई। अब मुझे लग रहा है कि मैं अपने पेशे में और भी निपुण हो रही हूँ, और मुझे गर्व है कि मैं अपने मरीजों की सेवा कर रही हूँ। शुभ रात्रि! 😊

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