Anurag's
Work Life

Meet Anurag Sharma, a fresh MBA graduate in Hospital Management who has just started an exciting career as an Operations Manager at a private hospital in Dehradun. Anurag’s journey from a beginner to a skilled professional is full of challenges, growth, and inspiring moments. 

Each day starts with an energetic morning routine, followed by handling various issues at the hospital, and ends with evening sessions learning Talent MD skill courses. Anurag’s daily diary captures these experiences, offering behind-the-scenes insights into hospital management, practical tips for overcoming challenges, and useful advice for improving efficiency and patient care.

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30-Nov--0001

Dehradun, India

तेईसवाँ दिन - LAMA मरीज की स्थिति संभालना

आज मेरे करियर में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ा। सुबह 10 बजे, जब मैं अस्पताल में बैठा था, तभी एक नर्स मेरे पास आई और बताया कि एक मरीज, रमेश कुमार, अस्पताल से LAMA (Leave Against Medical Advice) जाना चाहता है। रमेश की हालत गंभीर थी, और वह सही उपचार के लिए हमारे अस्पताल में भर्ती था। मैं तुरंत रमेश के वार्ड में गया और उससे मिलकर उसकी समस्या को समझने की कोशिश की। रमेश ने बताया कि उसे लगता है कि उसका इलाज सही से नहीं हो रहा है और उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा। उसने कहा कि वह अब यहाँ और रुकना नहीं चाहता और घर जाना चाहता है। उसकी आंखों में निराशा और चिंता स्पष्ट दिखाई दे रही थी।

मैंने रमेश को धैर्यपूर्वक सुना और उसकी चिंताओं को समझने की कोशिश की। मैंने उसे बताया कि हम उसकी सेहत के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं और उसे छोड़कर जाना उसकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। मैंने उसे विश्वास दिलाया कि हम उसकी हालत में सुधार लाने के लिए कुछ विशेष कदम उठाने जा रहे हैं। रमेश को समझाने के बाद, मैंने तुरंत हमारे वरिष्ठ डॉक्टरों और विशेषज्ञों के साथ एक आपातकालीन बैठक (MDT meeting) बुलाई। हमने रमेश के मामले की समीक्षा की और यह सुनिश्चित किया कि उसके इलाज में कोई कमी नहीं हो। डॉक्टरों ने उसके इलाज में कुछ बदलाव करने का सुझाव दिया और यह सुनिश्चित किया कि वह जल्द ही ठीक हो सके।

हमने रमेश के लिए एक विशेष देखभाल योजना बनाई। मैंने व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित किया कि उसे सभी आवश्यक दवाएं और उपचार समय पर मिले। इसके अलावा, मैंने नर्सिंग स्टाफ से कहा कि वे रमेश की विशेष देखभाल करें और उसकी हर जरूरत का ध्यान रखें। रमेश के परिवार को भी उसकी चिंता थी। मैंने उन्हें बुलाया और उन्हें भी पूरी स्थिति से अवगत कराया। मैंने उन्हें बताया कि हम रमेश की सेहत को लेकर गंभीर हैं और हम उसे बेहतरीन इलाज देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। परिवार से बात करने के बाद, वे भी थोड़ा शांत हुए और हमारे प्रयासों पर विश्वास जताया।

अगले कुछ दिनों में, रमेश की हालत में सुधार दिखने लगा। मैंने उससे नियमित रूप से मुलाकात की और उसकी प्रगति की जानकारी ली। मैंने उसे बताया कि उसका इलाज सही दिशा में जा रहा है और उसे धैर्य रखना चाहिए। रमेश का मनोबल बढ़ने लगा और उसने हमारे प्रयासों को सराहा। करीब एक हफ्ते बाद, रमेश की हालत में काफी सुधार हो गया था। उसने मुझसे कहा कि उसे अब यकीन है कि वह सही जगह पर है और उसका इलाज सही तरीके से हो रहा है। उसने अपने LAMA का फैसला वापस ले लिया और अस्पताल में रहने के लिए सहमत हो गया। मुझे बहुत ख़ुशी है कि उन्होंने LAMA लेने का अपना निर्णय वापस ले लिया।

रमेश का मामला एक महत्वपूर्ण अनुभव था, जिसने मुझे यह सिखाया कि संचार और धैर्य के माध्यम से हम कठिन परिस्थितियों को भी सुलझा सकते हैं। यह घटना मुझे यह भी याद दिलाती है कि चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले सभी लोगों को न केवल चिकित्सा ज्ञान की आवश्यकता होती है, बल्कि उन्हें लोगों के साथ सहानुभूति और समझ भी दिखानी चाहिए। 

जब मैं पीजी वापस आया, तो मैंने कुछ पुराने हिंदी गाने सुने, खाना खाया और सो गया। आज का दिन थकान भरा था, लेकिन रमेश की मुस्कान और उसके परिवार की राहत देखकर मुझे संतोष मिला। यह अनुभव मुझे आगे भी अपने काम में इसी ऊर्जा और समर्पण के साथ जुटे रहने के लिए प्रेरित करेगा। 

रात को, मैंने अपने लैपटॉप पर TalentMD के Conflict Resolution का एक और मॉड्यूल पूरा किया। कल का दिन नई चुनौतियाँ और अवसर लेकर आएगा, और मैं उसे पूरी तरह से अपनाने के लिए तैयार हूँ।

 शुभ रात्रि! ��

 

अनुराग शर्मा

 

(लखनऊ से देहरादून तक, सपनों और मेहनत के साथ)

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Readers Comments

09-Jul-2024 16:26:37
Muhammad Ahsan Majeed
I like it