Rosy’s
Heartbeat

Meet Rosy, a dedicated nurse working in a bustling corporate hospital in Gurugram. Originally from Kerala, Rosy’s journey from a fresh graduate to a seasoned professional is truly inspiring. Through her daily diary, she captures her soothing morning routines, the challenges and triumphs of her workday, and her enriching evening sessions with Talent MD skill development courses. Rosy's entries offer a unique glimpse into the life of a nurse, filled with care, learning, and growth. Aspiring nurses can draw inspiration from her experiences, discovering practical care giving strategies and the profound impact of compassionate nursing in healthcare. Follow Rosy's journey to see new opportunities to make a meaningful difference in patients' lives.

Back

Page 1

12-Jul-2024

Gurugram, India

सत्रहवां दिन - नए मरीज

हर दिन की तरह, मैंने सुबह 6 बजे उठकर हल्का व्यायाम किया और एक कप चाय पी। मैंने अपनी नर्स की यूनिफॉर्म पहनी और काम के लिए तैयार हुई। 

7 बजे तक मैं अस्पताल पहुँच गई। अस्पताल पहुँचने के बाद, मैंने वार्ड की राउंड शुरू की। राजेश की स्थिति अब स्थिर थी, लेकिन अभी भी उसकी देखभाल की जरूरत थी।मैं राजेश के पास गई और उसकी स्थिति का जायजा लिया। उसकी हालत में थोड़ा सुधार था, लेकिन वह अभी भी बहुत कमजोर था। मैंने उसकी दवाइयाँ दीं और उसे आराम करने के लिए कहा। मैंने उसके महत्वपूर्ण पैरामीटर्स की जाँच की और सबकुछ ठीक पाया। सुबह एक नया रोगी आया, जिसका नाम सुरेश था। सुरेश को दिल का दौरा पड़ा था और उसकी हालत बहुत नाजुक थी। मैंने तुरंत उसे आईसीयू में शिफ्ट कराया और उसकी देखभाल शुरू की।सुरेश की स्थिति बहुत गंभीर थी। मैंने डॉक्टर के निर्देशानुसार उसे आवश्यक दवाइयाँ दीं और उसके महत्वपूर्ण पैरामीटर्स की लगातार जाँच की। सुरेश के परिवार के सदस्य भी बहुत चिंतित थे। मैंने उनसे बातचीत की और उन्हें सुरेश की स्थिति के बारे में विस्तार से समझाया। मैंने उन्हें आश्वस्त किया कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि सुरेश जल्द से जल्द ठीक हो जाए। 

लंच के बाद, मैंने राजेश और सुरेश दोनों की देखभाल शुरू की। मैंने राजेश को काउंसलिंग सेशन दिया और उसे प्रोत्साहित किया कि वह हिम्मत न हारे। मैंने सुरेश की स्थिति की भी जांच की और उसकी दवाइयाँ दीं। सुरेश की हालत में थोड़ा सुधार दिखने लगा था, लेकिन अभी भी वह गंभीर स्थिति में था। शाम होते-होते, मैंने फिर से राजेश और सुरेश की स्थिति की जांच की। राजेश की हालत स्थिर थी और सुरेश की स्थिति में थोड़ा सुधार हो रहा था। मैंने दोनों के महत्वपूर्ण पैरामीटर्स की जाँच की और उनकी दवाइयाँ दीं। 

आज शाम को ड्यूटी से लौटते समय, मैंने बाजार से कुछ सब्जियाँ लीं। घर आकर अपने लिए खाना बनाया और डिनर किया। फिर मैंने Talent MD पर 'हॉस्पिटल इन्फेक्शन कंट्रोल' कोर्स का एडवांस्ड मॉड्यूल शुरू किया। आज मैंने एयरबोर्न प्रिकॉशन्स, आइसोलेशन प्रोटोकॉल्स और वेस्ट डिस्पोजल के बारे में सीखा। इन तकनीकों ने मुझे इन्फेक्शन कंट्रोल के प्रति और भी सतर्क बना दिया। अब मैं न केवल खुद को और अपने मरीजों को बेहतर तरीके से सुरक्षित रख सकती हूँ, बल्कि अपनी टीम को भी जागरूक कर सकती हूँ। यह सीख मुझे एक परिपूर्ण योद्धा बनाती है, जो किसी भी इन्फेक्शन की चुनौती का सामना कर सकता है। फिर मैं बिस्तर पर चली गई। मैंने पूरे दिन के बारे में सोचा और महसूस किया कि एक नर्स के रूप में मेरी जिम्मेदारियाँ कितनी महत्वपूर्ण हैं। सुरेश और राजेश की देखभाल करते हुए मैंने यह सीखा कि सच्चे समर्पण और सहानुभूति के साथ हम किसी की भी स्थिति को बेहतर बना सकते हैं।

 शुभ रात्रि!

Create Your
Free Candidate Profile

Make a Comment

Comments will be moderated

Submit only once

Talent MD Diaries

Day 349

सोलहवां दिन - रोगी क|...........


Day 348

पंद्रहवां दिन - दिन|...........


Day 347

चौदहवां दिन - एक कठि|...........


Day 346

तेरहवां दिन - प्रेरण|...........


Day 345

बारहवां दिन - एक नई|...........


Day 344

ग्यारहवां दिन - अप्र|...........


Readers Comments