Meet Anurag Sharma, a fresh MBA graduate in Hospital Management who has just started an exciting career as an Operations Manager at a private hospital in Dehradun. Anurag’s journey from a beginner to a skilled professional is full of challenges, growth, and inspiring moments.
Each day starts with an energetic morning routine, followed by handling various issues at the hospital, and ends with evening sessions learning Talent MD skill courses. Anurag’s daily diary captures these experiences, offering behind-the-scenes insights into hospital management, practical tips for overcoming challenges, and useful advice for improving efficiency and patient care.
30-Nov--0001
Dehradun, India
आज का दिन ब्रेस्ट केयर विभाग में बेहद चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण था। ब्रेस्ट केयर विभाग हमारे अस्पताल का एक संवेदनशील और जटिल क्षेत्र है, जहाँ हर दिन नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मेरी भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि सभी प्रक्रियाएँ सुचारू रूप से चलें और मरीजों को सर्वोत्तम देखभाल मिले।
सुबह 9 बजे जब मैं अस्पताल पहुँचा, तो मुझे ब्रेस्ट केयर विभाग से एक आपातकालीन कॉल प्राप्त हुआ। एक 45 वर्षीय महिला, श्रीमती राधा, जो नियमित मैमोग्राम के लिए आई थीं, उनके स्कैन में कुछ संदिग्ध धब्बे पाए गए थे। यह उनके लिए बहुत ही चिंता का विषय था, क्योंकि उनका परिवार पहले से ही ब्रेस्ट कैंसर से जूझ चुका था। मैंने तुरंत ब्रेस्ट केयर विभाग की प्रमुख, डॉ. काव्या, से मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया। हमारी प्राथमिकता थी कि श्रीमती राधा को सही समय पर सही उपचार मिले और उनकी चिंता को कम किया जाए। मैंने तुरंत यह सुनिश्चित किया कि सभी आवश्यक परीक्षण बिना किसी देरी के किए जाएं। दोपहर तक, हमने सभी परीक्षण पूरे कर लिए थे और अब हमें परिणामों का इंतजार था। इस दौरान, मैंने ब्रेस्ट केयर विभाग में प्रक्रियाओं की समीक्षा की। मैंने देखा कि कुछ प्रक्रियाओं में विलंब हो रहा था, जिसके कारण मरीजों को अधिक समय इंतजार करना पड़ रहा था। मैंने तत्काल सुधारात्मक उपायों पर काम शुरू किया। सबसे पहले, मैंने नर्सिंग स्टाफ और तकनीशियनों के साथ बैठक की और उनसे उनकी समस्याओं और सुझावों के बारे में बात की। यह स्पष्ट हुआ कि विभाग में उपकरणों की कमी और स्टाफ की कमी थी, जिससे काम में देरी हो रही थी। मैंने तुरंत ही नए उपकरणों की खरीद के आदेश दिए और अस्थायी रूप से अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था की। इसके साथ ही, हमने विभाग की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए एक नई प्रणाली लागू की, जिससे मरीजों की फाइलें और परीक्षण परिणाम तेजी से प्रोसेस हो सकें। शाम होते-होते, बायोप्सी के परिणाम आ गए।
दुर्भाग्य से, परीक्षणों ने पुष्टि की कि श्रीमती राधा को प्रारंभिक चरण का ब्रेस्ट कैंसर था। यह समाचार उनके और उनके परिवार के लिए बेहद चिंताजनक था, लेकिन हमने उन्हें यह भरोसा दिलाया कि सही समय पर निदान होने के कारण, हम इसे सफलतापूर्वक संभाल सकते हैं। मैंने हमारे ऑन्कोलॉजी टीम के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया कि उनकी उपचार योजना जल्द से जल्द शुरू हो सके। इसके लिए मैंने विभिन्न विभागों के बीच समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया ताकि मरीज को बिना किसी रुकावट के सभी आवश्यक सेवाएँ मिल सकें। हमने एक मल्टीडिसिप्लिनरी टीम का गठन किया, जिसमें विभिन्न विशेषज्ञ शामिल थे, जो श्रीमती राधा के इलाज को समन्वित तरीके से देखेंगे।
काम खत्म करने के बाद, जब मैं अपने पीजी लौटा, तो मुझे संतोष और गर्व महसूस हो रहा था। आज का दिन बहुत ही सफल और संतोषजनक रहा। मैंने देखा कि किस प्रकार सही योजना, टीमवर्क और संवेदनशीलता से किसी भी जटिल प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकता है। डिनर के बाद, मैंने अपनी डायरी में दिनभर की घटनाओं को लिखा। इसके बाद, मैंने अपने प्रॉब्लम सॉल्विंग मॉड्यूल का एक और विषय पढ़ा। यह मॉड्यूल मुझे नई समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने की नई तकनीकों से अवगत करा रहा है। आज का अनुभव मेरे लिए एक महत्वपूर्ण सीख रहा है। मैंने समझा कि सुधार केवल तकनीक में ही नहीं, बल्कि प्रक्रियाओं में भी आवश्यक है। सही प्रबंधन और निगरानी से किसी भी प्रणाली को बेहतर बनाया जा सकता है। कल का दिन नई चुनौतियों और अवसरों को लेकर आएगा, और मुझे विश्वास है कि मैं पूरी तत्परता से उनका सामना कर सकूँगा। अब मुझे थोड़ी नींद की जरूरत है ताकि मैं कल के नए दिन का सामना कर सकूँ।
शुभ रात्रि! 😊
अनुराग शर्मा
(लखनऊ से देहरादून तक, सपनों और मेहनत के साथ)
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09-Jul-2024 16:26:37
Muhammad Ahsan Majeed
I like it