Meet Anurag Sharma, a fresh MBA graduate in Hospital Management who has just started an exciting career as an Operations Manager at a private hospital in Dehradun. Anurag’s journey from a beginner to a skilled professional is full of challenges, growth, and inspiring moments.
Each day starts with an energetic morning routine, followed by handling various issues at the hospital, and ends with evening sessions learning Talent MD skill courses. Anurag’s daily diary captures these experiences, offering behind-the-scenes insights into hospital management, practical tips for overcoming challenges, and useful advice for improving efficiency and patient care.
30-Nov--0001
Dehradun, India
आज का दिन NICU (नवजात सघन चिकित्सा इकाई) में बहुत ही चुनौतीपूर्ण और भावनात्मक था। NICU वह स्थान है जहां सबसे नाजुक और कमजोर नवजात बच्चों की देखभाल की जाती है। यहां हर पल महत्वपूर्ण होता है और हर निर्णय जीवन-मरण का सवाल हो सकता है।
सुबह जब मैं अस्पताल पहुँचा, तो मुझे NICU से एक आपातकालीन कॉल प्राप्त हुआ। एक प्रीमेच्योर जुड़वां बच्चों को अस्पताल लाया गया था। दोनों बच्चों का जन्म आठ महीने से पहले ही हो गया था और उनकी स्थिति बेहद नाजुक थी। उन्हें तुरंत विशेष देखभाल और उपचार की आवश्यकता थी। जब मैंने बच्चों की हालत देखी, तो मुझे तुरंत समझ में आ गया कि हमें तेजी से और अत्यधिक सावधानी के साथ काम करना होगा। दोनों बच्चों का वजन बहुत कम था और उनकी श्वसन प्रणाली ठीक से काम नहीं कर रही थी। यह स्पष्ट था कि उन्हें तुरंत वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत थी। हमारी पहली प्राथमिकता दोनों बच्चों को स्थिर करना था। मैंने डॉक्टरों और नर्सों की एक आपातकालीन टीम को एकत्र किया और उन्हें स्थिति की गंभीरता के बारे में जानकारी दी। हमने बच्चों की देखभाल के लिए एक विस्तृत योजना बनाई, जिसमें दोनों के लिए अलग-अलग वेंटिलेटर सेटअप, आईवी फ्लूइड्स, और दवाइयां शामिल थीं।
सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि दोनों बच्चों को एक साथ स्थिर करना और उनके उपचार में कोई भी त्रुटि न करना। मैंने तय किया कि हमें अतिरिक्त नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों को बुलाना होगा ताकि हम हर पल उन पर निगरानी रख सकें। मैंने हमारे पैडियाट्रिक्स विभाग से संपर्क किया और अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था की। बच्चों की देखभाल के दौरान, हमें उनके परिवार की भावनात्मक स्थिति का भी ख्याल रखना था। जुड़वां बच्चों की माँ बेहद चिंतित और घबराई हुई थीं। मैंने मनोवैज्ञानिक सहायता टीम को बुलाया और माँ के साथ एक परामर्श सत्र की व्यवस्था की। हमने उन्हें हर संभव तरीके से सांत्वना देने की कोशिश की और उन्हें यह विश्वास दिलाया कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं। लगभग चार घंटे की कड़ी मेहनत और देखभाल के बाद, हम दोनों बच्चों की स्थिति को स्थिर करने में सफल रहे। उनकी श्वसन प्रणाली में सुधार होने लगा और उनकी हृदय गति सामान्य हो गई। हमने दोनों बच्चों को निरंतर निगरानी में रखा और उनकी स्थिति पर नियमित अपडेट लेते रहे।
शाम को जब मैं पीजी पहुँचा, तो दिनभर की थकान के बावजूद मन में संतुष्टि का अनुभव हो रहा था। मैंने जल्दी से नहा धोकर डिनर किया। आज डिनर में दाल, चावल, सब्जी और रोटी थी। खाने के बाद मैंने थोड़ी देर टीवी देखा और फिर अपने दिन के बारे में सोचने लगा। दिनभर की घटनाओं को याद करते हुए, मैंने महसूस किया कि आज मैंने अपनी पेशेवर और व्यक्तिगत क्षमताओं को एक नई ऊँचाई पर देखा है। मैंने अपने रेज़्यूमे में तीन नए कौशल विकास कोर्स जोड़े हैं: टीम मैनेजमेंट, कॉन्फ्लिक्ट रेज़ोल्यूशन, और डिसिशन मेकिंग। ये कोर्स न केवल मेरी पेशेवर क्षमता को बढ़ाएंगे, बल्कि मुझे और अधिक प्रभावी और संगठित बना देंगे। इसके अलावा, मैं सोच रहा हूँ कि मैं TalentMD से एक नया कोर्स शुरू करूँ ताकि अपनी दक्षता को और भी बढ़ा सकूं। यह दिन मेरे लिए एक और महत्वपूर्ण सीख रहा है। समस्याओं का सामना करना, उन्हें सुलझाना, और उन्हें उत्तरदायित्वपूर्ण तरीके से प्रबंधित करना मेरे नेतृत्व की क्षमताओं को और भी मजबूत करेगा। आज का दिन वास्तव में अद्वितीय और प्रेरणादायक रहा है। यह साबित करता है कि असफलता का सामना करने के बावजूद, हम किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकते हैं और उसे परास्त कर सकते हैं। अब समय आ गया है थोड़ा आराम करने का। दिनभर की घटनाओं को सोचते हुए, मैंने सोने की तैयारी की। मुझे पता है कि कल एक और चुनौतीपूर्ण और रोमांचक दिन होगा, और मैं उसका सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हूँ।
शुभ रात्रि!
😊 अनुराग शर्मा (लखनऊ से देहरादून तक, सपनों और मेहनत के साथ)
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09-Jul-2024 16:26:37
Muhammad Ahsan Majeed
I like it